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Brahmakumaris Indore

ज्ञान शिखर का 9 वां वार्षिकोत्सव एवं मातृ दिवस मनाया

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प्रकाशनार्थ:

ज्ञान शिखर का 9 वां वार्षिकोत्सव एवं मातृ दिवस मनाया

“मां का ऋण कभी चुकाया नहीं जा सकता”- ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी

इंदौर, 11 मई । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के क्षेत्रीय मुख्यालय न्यू पलासिया स्थित ज्ञान शिखर का 9 वां वार्षिकोत्सव एवं मातृ दिवस मनाया गया । खचाखच भरे ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी सभागृह में इंदौर जोन की क्षेत्रीय निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को शुभकामना देते हुए कहा कि इंदौर जोन के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी ने अपने अथक परिश्रम, त्याग, तपस्या से बहुत ऊंचे लक्ष्य को लेकर इस ज्ञान शिखर का निर्माण कराया। यहां समूचे भारत वर्ष से ही नहीं अपितु विदेशों से भी अनेक महान हस्तियों का आना होता है ,उनके अनुभवों का लाभ हमें मिलता है। हम सबको मिलकर आदरणीय ओमप्रकाश भाईजी की संकल्पना को पूरा करना है।

मातृ दिवस के अवसर पर मात्र शक्तियों को बधाई देते हुए कहा कि इस धरती पर मां से बढ़कर कोई नहीं, उनका ऋण कभी नहीं चुकाया जा सकता। परमात्मा की महिमा में भी सबसे पहले मां का संबंध ही जोड़ते हैं ।

शक्ति निकेतन की संचालिका ब्रह्माकुमारी करुणा दीदी ने कहा कि दुनिया में बहुत बड़े-बड़े बंगले ,भवन, फाइव स्टार, सेवन स्टार होटल बनते हैं लेकिन यह ज्ञान शिखर भवन वह स्थान है जहां के कण-कण में आध्यात्मिकता के प्रकंपन फैले हुए हैं। यहां आकर अनेकानेक आत्माएं परमात्मा पिता की अनुभूति कर अनेक जन्मों के लिए अपना जीवन श्रेष्ठ जीवन बनती है।

परमात्मा पिता ने ज्ञान का कलश मातृशक्ति के ऊपर रखा है, इसलिए नारी शक्ति का प्रतीक शिवशक्ति ब्रह्माकुमारी बहनों का सम्मान किया गया ।

कालानी नगर सेवाकेंद्र की कुमारी शिवांशी और कुमारी यशवी ने नृत्य प्रस्तुत किया, ब्रह्माकुमारी आकांक्षा बहन ने सुन्दर गीत की प्रस्तुति दी तथा शक्ति निकेतन की कुमारियों के द्वारा मनमोहक नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी गई।

कार्यक्रम में कालानी नगर की संचालिका ब्रह्माकुमारी जयंती दीदी ,प्रेम नगर क्षेत्र की संचालिका शशि दीदी, सुभाष नगर क्षेत्र की संचालिका ममता दीदी ,रामबाग सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी छाया बहन, साकेत नगर सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी अंबिका बहन, छावनी सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी कुसुम बहन ने भी अपनी शुभ कामनाएं दी।

इस अवसर पर सभी वर्गों के लगभग 1000 भाई बहनें उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने किया।

कार्यक्रम में देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात भारत मां के वीर सपूत सैनिकों की सुरक्षा एवं उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए योग के प्रकंपन फैलाए।

 

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व्यापार एवं उद्योग प्रभाग द्वारा ओमशांति भवन ज्ञानशिखर में “व्यापार एवं उद्योग में सफलता के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण” विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन रखा गया

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प्रेस विज्ञप्ति:

“आत्म प्रबंधन से ही व्यापार में कुशल प्रबंधन हो सकता है”

इंदौर 8 सितंबर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के व्यापार एवं उद्योग प्रभाग द्वारा ओमशांति भवन ज्ञानशिखर में “व्यापार एवं उद्योग में सफलता के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण” विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन रखा गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मुंबई से पधारे विराज प्रोफाइल प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष एवं मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज राजा कोचर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहां कि कोई भी कार्य हम करें तो पहले उसकी स्पष्टता मन में होनी चाहिए फिर उस अनुसार योजनाएं बनाएं तत्पश्यात उसे कार्यरूप में लाए तभी हम सफल हो सकते हैं।
आगे आपने कहा कि मेरी इंडस्ट्री में 12000 लोग कार्य करते हैं ,मैं उन्हें अपने परिवार का सदस्य मानता हूं और पारिवारिक सदस्य की तरह ही उनसे व्यवहार करता हूं, जिससे उनकी कार्यक्षमता बेहतर होती है और वह अपना अच्छा प्रदर्शन दे पाते हैं । ब्रह्माकुमारीज के संपर्क में आने के बाद उनके जीवन में आए बदलाव को साझा करते हुए कहा कि यहां सिखाये जाने वाले राजयोग से मन सशक्त और सोच सकारात्मक बनती है। राजयोग में बड़ी सुंदर कला विचारों का ट्रैफिक कंट्रोल कैसे करना है सिखलाई जाती है, जिससे हमारी नकारात्मक सोच खत्म हो जाती है और हम सदा सकारात्मक ऊर्जा से स्वयं को भरपूर अनुभव करते हैं। आपने ब्रह्माकुमारीज में जो सात्विक अन्न का महत्व समझाया जाता है उस अनुसार उसे खुद भी अपनाया और अपनी कंपनी के कर्मचारियों को भी सात्विक अन्न ग्रहण करने पर ही जोर दिया , जिससे उनके विचारों में एवं व्यवहार में अच्छा खासा परिवर्तन महसूस किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नागार्जुना फर्टिलाइजर के चेयरमैन एवं संस्थापक के. एस. राजू ने अपने विचार रखते हुए कहां कि व्यापार एवं उद्योग में सफलता के लिए स्वप्रबंधन सीखना जरूरी है । स्वप्रबंधन के लिए स्व की यथार्थ पहचान होना जरूरी है, कि हम शरीर को चलाने वाली एक ऊर्जा है जिसके होने से शरीर की मशीन चल रही है। अतः आत्म प्रबंधन से व्यापार में कुशल प्रबन्धन हो सकता है।

इस अवसर पर मुंबई से पधारी स्व प्रबंधन विशेषज्ञ ब्रह्माकुमारी क्रीना दीदी ने कहां की व्यापार एवं उद्योग में मशीन, सिस्टम, टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ इसे संचालित करने वाले मनुष्यों के आत्मिक विकास का भी ध्यान रखा जाए तो व्यवसाय में सफलता भी होगी और इस कार्य में लगे लोगों में संतुष्टता और उमंग भी बना रहेगा, जिससे उत्पादकता में वृद्धि होगी।
आगे आपने कहा कि यदि हमें भारत को विश्व का पथ प्रदर्शक लाइट हाउस बनाना हैं तो यहां के लोगों की मनोवृत्ति को मानवीय मूल्यों की ऊर्जा से भरना होगा। आपने राजयोग मेडिटेशन का अर्थ बताते हुए प्रैक्टिकल अभ्यास भी कराया।

इस अवसर पर इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी का स्वागत करते हुए बताया कि ब्रह्माकुमारी के बिजनेस एंड इंडस्ट्री विंग द्वारा स्व विकास के अनेक कार्यक्रमों के साथ-साथ स्व प्रबंधन नेतृत्व विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। जिसके माध्यम से व्यवसाय जगत में सफलता मिलती है। जिसके प्रैक्टिकल मिसाल हमारे आज के अतिथि माननीय नीरज राजा कोचर जी एवं माननीय के. एस. राजू है।

इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मध्य प्रदेश के प्रेसिडेंट योगेश मेहता ने कहा कि हमारे व्यवसाय का लक्ष्य केवल पैसा कमाना ही नहीं , अपितु समाज की सेवा करना भी है। अपनी प्राप्त आय की कुछ निश्चित राशि हमें सेवा के लिए अवश्य निकालना चाहिए। मानव जीवन का लक्ष्य केवल धन कमाना नहीं लेकिन मोक्ष की प्राप्ति भी होना चाहिए।

इस अवसर पर मोयरा सरिया के वाइस चेयरमैन पवन सिंघानिया ने अपने उद्योग के संघर्ष के दिनों को याद करते हुए सत्य निष्ठा के पद पर चलकर मिली हुई सफलता का वृतांत सभी को सुनाकर अभिभूत कर दिया और सबके अंदर यह विश्वास भरते हुए कहा कि सत्य की हमेशा जीत होती है, इसलिए सत्य की राह को कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

आगे कार्यक्रम में उज्जैन संभाग की संचालिका ब्रह्माकुमारी उषा दीदी ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए सभी से कल से प्रारंभ होने वाले तीन दिवसीय शिविर में भाग लेने के लिए आवाहन भी किया।

कार्यक्रम में अतिथियों का बैच,गुलदस्ते एवं पट्टे के द्वारा सम्मान किया गया तथा शक्ति निकेतन की कुमारियों द्वारा स्वागत नृत्य कर उनका स्वागत किया भी गया। तत्पश्चात दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई।

इस सम्मेलन में एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मध्य प्रदेश, मालवा चैंबर ऑफ़ कॉमर्स, यशवंत क्लब, डेली कॉलेज बिजनेस स्कूल, अहिल्या चैंबर, पीथमपुर औद्योगिक संगठन, क्लॉथ मार्केट एसोसिएशन, अनाज मंडी एसोसिएशन सहित बड़ी संख्या में अनेक संगठन के अध्यक्ष, सचिव एवं सदस्यगणों ने भाग लिया।

 

video link – https://youtube.com/live/X9DF6LsSTPE?feature=share

 

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ब्रह्माकुमारीज़ की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी जानकी की प्रथम पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई

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’’संसार की सबसे स्थितप्रज्ञ योगी दादी जानकी की मनाई प्रथम पुण्यतिथि’’


इंदौर,25 मार्च। 104 वर्ष की आयु तक 140 देशो  में यात्रा कर लाॅखों आत्माओं के जीवन में आध्यात्मिकता का प्रकाश  फैलाने वाली संसार की सबसे स्थित प्रज्ञ राजयोगिनी दादी जानकी की प्रथम पुण्यतिथि ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश  भाईजी सभागृह ज्ञान शिखर ओमशांति भवन में मनाई गई। इस अवसर पर अपनी भाव सुमनांजलि अर्पित करते हुए इंदौर जोन की मुख्य क्षेत्रीय समन्वयक ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि दादी जानकी को परमात्मा शिव ने ईश्वरीय  ज्ञान में आते ही ’’जनक बच्ची’’ का टाईटल दिया। जिस प्रकार राजा जनक की कहानी सुनते हैं कि वे राजमहल में रहते भी ऋषि की तरह रहे, महल उनके अंदर नहीं बसा। इसी प्रकार दादी जानकी ने दो शब्दों में मैं कौन और मेरा कौन अर्थात्् मैं आत्मा सृष्टि चक्र में सर्वश्रेष्ठ पार्टधारी आत्मा हॅू और मेरा कौन अर्थात् एक ईश्वर  पिता ही मेरा सर्वस्व है। दो शब्दों में सारे ज्ञान का सार अपने जीवन में समाकर एक भगवान के साथ इतना गहन रिश्ता  जोड़ लिया कि बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने उनके मन का परीक्षण कर उन्हें संसार की सबसे स्थित प्रज्ञ योगी का खिताब दिया।
दादीजी सदा परमात्म प्यार में लीन रहती थी, उनकी दृष्टि से ही परमात्म प्यार की अनुभूति होती थी। इसलिए उनके सानिध्य में आने वालें देश -विदेशो  में अलग-अलग धर्म, संस्कृति और भाषा के लोग सब कुछ भूलकर सत्य स्वरूप आत्मा की और परमात्मा की अनुभूति कर अपने जीवन का परिवर्तन कर लेते थे। दादीजी वर्ष 2007 से 2020 तक ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य प्रशासिका  रही। इस दौरान 3 बार इंदौर में उनका आगमन हुआ।
इस अवसर पर पूर्व महापौर डाॅ. उमाशशि शर्मा ने दादीजी के साथ का संस्मरण सुनाते हुए कहा कि मैं आज से 35 वर्ष पूर्व लंडन में दादीजी के सम्पर्क में आई तो मैंने महसूस किया कि दादी आध्यात्मिक शक्ति से सम्पन्न है उनके सम्पर्क में आते ही हरेक को शांति, प्रेम, ख़ुशी  और अपनेपन की अनुभूति होती थी। कितने भी तनावग्रस्त लोग तनावमुक्त हो जाते हैं। दादीजी का जीवन ही सबको निःस्वार्थ भाव से दाता बन बांटने के लिए ही है।
कुषाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्व  विद्यालय रायपुर के पूर्व कुलपति डाॅ. मानसिंह परमार ने कहां कि माउंट आबू में मीडिया सम्मेलन में मुझे कई बार दादी से मिलने का सुअवसर मिला दादीजी सदा ही पत्रकारिता में मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देती थी, उन्होंने पश्चिम देशों में ईश्वरीय  सेवाओं का जो विस्तार किया वह बेमिसाल है। उन्होनें जानकी फाउंडेशन के माध्यम से अनेकों लोक कल्याण का कार्य किया।
ब्रह्माकुमारी अनिता ने कहां कि दादी जी  एक आध्यात्मिक लीडर के रूप में ईश्वरीय  ज्ञान और राजयोग को विश्व  के अनेकानेक देशों  में फैलाने की सशक्त माध्यम बनी। इसलिए दादीजी की पुण्य तिथि (27 मार्च) को सारे  विश्व  में ’’वैश्विक आध्यात्मिक जागृति दिवस’’ के रूप में मनाया जायेगा। माउंट आबू में दादीजी की यादगार ’’शक्ति स्तंभ’’ का लोकार्पण किया जायेगा।
आज सभी भाई-बहनों ने ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश  भाईजी सभागृह ज्ञान शिखर ओमशांति  भवन में मौन रहकर अपने श्रृद्धा सुमन अर्पित किये। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी उषा ने किया।

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