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ओमशांति भवन में “कॉल ऑफ टाइम- इंटरनेट टू इनर नेट”

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“बाह्य जगत के साथ-साथ अपने आंतरिक जगत से जुड़ना अतिआवश्यक” – ब्रह्माकुमारी चन्द्रिका दीदी

इंदौर, 17 मार्च। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के युवा प्रभाग द्वारा ज्ञानशिखर ओमशांति भवन में विशेष युवाओं के लिए “कॉल ऑफ टाइम- इंटरनेट टू इनर नेट” विषय पर प्रेरणादाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अहमदाबाद से पधारी युवा प्रभाग की राष्ट्रीय उपाध्यक्षा राजयोगिनी चंद्रिका दीदीजी ने कहा कि जिस प्रकार हमें इंटरनेट के द्वारा बाह्य जगत की सारी जानकारियां मिलती हैं उसी प्रकार हमें मनुष्य आत्मा की अंतर जगत की जानकारी और सूचनाओं का ज्ञात होना भी आवश्यक है। अंतर जगत अर्थात आत्मा में स्थित मन, बुद्धि, संस्कार की शक्तियां एवं उनके कार्यप्रणाली की विस्तृत जानकारी। आत्मा में निहित स्मृति के आधार पर ही हमारे जीवन का स्वरूप निर्धारित होता है। जब हम अपने को आत्मा समझकर परमात्मा पिता को याद करते हैं तो हमारी बुद्धि शांत, एकाग्र और निश्चिन्त हो जाती है। हमारा असली व्यक्तित्व सामने आता है और हम देवत्व की ओर बढ़ने लगते हैं अर्थात मेडिटेशन मनुष्य को मानव से देव तुल्य बनाता है।

इस अवसर पर रेनेसा यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. स्वप्निल कोठारी ने आज के युवा की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा की वर्तमान युग में हमनें शिक्षा के माध्यम से मस्तिष्क को तो विकसित कर दिया लेकिन हृदय को भी विकसित कर सकें ऐसी शिक्षा की आवश्यकता है, जो धर्म और आध्यात्म के द्वारा ही संभव है क्योंकि इसके बिना हरेक के जीवन में अपूर्णता, रिक्तता तथा खालीपन बना ही रहता है। इसलिए जीवन में पूर्णता लाने के लिए बाहरी पढ़ाई, विज्ञान तथा प्रबंधन के साथ-साथ भीतर की यात्रा, धर्म और आध्यात्म भी अति आवश्यक है। तभी हम जीवन में आनंद का अनुभव कर सकते हैं। आगे आपने युवाओं को यथार्थ में जीने तथा रील के बजाय रियल लाइफ में जीने के लिए  प्रेरित भी किया।

इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने दिव्य उद्बोधन देते हुए कहा कि आज के इस युग में बहुत तीव्र गति से तकनीकी परिवर्तन हो रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में युवा वर्ग इंटरनेट तथा सोशल मीडिया के गिरफ्त में अत्यधिक फसता जा रहा है। यू ट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि के द्वारा जो कुछ परोसा जा रहा है वह ज्यादातर अश्लील, अभद्र, हिंसक तथा आपत्तिजनक ही होता है जिसके कारण युवाओं में मुल्यहीनता, संस्कारहीनता व नशाखोरी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह एक खतरे की घंटी है। अतः भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए भारत की आधी आबादी- युवाओं में सुसंस्कार तथा सामाजिक सांस्कृतिक मूल्य लाने की आवश्यकता है। इसके लिए असीम ऊर्जा के स्रोत परमात्मा से शक्तियां लेकर अपने अंतर जगत को, व्यवहार को, जीवन को श्रेष्ठ बनाएं। आत्म जागृति से मूल्य की जागरूकता बढ़ेगी और स्व परिवर्तन से स्वर्णिम दुनिया लाने में मदद मिलेगी।

माउंट आबू से मुख्य वक्ता  के रूप में पधारे सुप्रसिद्ध माइंड ट्रेनर एवं मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. शक्तिराज सिंह भाई ने अपने वक्तव्य की शुरुआत करते हुए कहा की जो दिखाई नहीं देता उसे भूत रहते हैं, जो तोड़ने से न टूटे उसे मजबूत कहते हैं और जो बनाये देश को उज्जवल उसे यूथ कहते हैं। आगे आपने कहा कि यूथ को युवा कहा जाता है और युवा का उल्टा करें तो वायु बन जाता है। वायु अगर सही दिशा में चले तो ऊर्जा बनती है पर अगर गलत दिशा में मुड़ जाए तो तूफान का रूप ले लेती है तो युवाओं को भी सदा सही दिशा में अपनी ऊर्जा को प्रयोग में लाना बहुत-बहुत जरूरी है। हमें दूसरों की लाइफ को देखने के बजाय अब यह पता करना जरूरी है कि मेरी लाइफ में क्या चल रहा है और अब मुझे क्या करना चाहिए। आपने कई रचनात्मक एक्टिविटीज के माध्यम से विषय को स्पष्ट किया तथा युवाओं में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया।

युवा प्रभाग की कार्यकारी सदस्य भीनमाल सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी डॉ. गीता बहन ने युवा प्रभाग की स्थापना से अब तक की 40 वर्षों के इतिहास की संक्षिप्त जानकारी देते हुए बताया कि इस यात्रा के दौरान लगभग 2 लाख युवा जुड़कर अपने जीवन को  चरित्रवान, निर्विकारी, निर्व्यसनी बना चुके हैं। आगे आपने कहा कि जीवन का स्वर्णिम काल होता है युवा और एक कच्ची मिट्टी की तरह अनंत संभावनाओं से भरा समय, जो चाहे, जैसा चाहे वैसे शेप जीवन को देने का समय। बस उसे सवारने सजाने की आवश्यकता होती है।

युवा प्रभाग के मुख्यालय संयोजक ब्रह्माकुमार आत्मप्रकाश भाई ने कहा आज हर संस्था में बहुत अच्छी-अच्छी बातें सुनने को मिलती हैं लेकिन उस ज्ञान को जीवन में धारण करने के लिए आवश्यकता है शक्ति की क्योंकि युक्ति के साथ जब शक्ति होगी तभी हम विकर्मों से मुक्ति और दिव्य गुणों की प्राप्ति कर सकते हैं। ब्रह्माकुमारीज एक ऐसी संस्था है जहां पर परमात्मा स्वयं शक्तियों के स्रोत यहां उपलब्ध मिलते हैं। जैसे मोबाइल की बैटरी को चार्ज करना जरूरी है वैसे ही यह शरीर रूपी सेलफोन है और आत्मा उसकी बैटरी है, जिसकी ऊर्जा को संकल्पों के रूप में हम दिनभर खर्च करते जाते हैं पर चार्ज नहीं करते इसीलिए आज मानसिक बीमारियां बढ़ती जा रही हैं, तो जैसे खाना, सोना हरेक व्यक्ति को हर रोज जरूरी है, ऐसे ही मेडिटेशन के अभ्यास को  हर रोज हर व्यक्ति को करना जरूरी है, चाहे वह किसी भी वर्ग, उम्र या धर्म का हो।

कस्टम विभाग इंदौर के अपर आयुक्त दिनेश बिसेन ने कहा कि यदि हम अपने आंतरिक जगत से जुड़कर ऊर्जा को संरक्षित करेंगे तो भारत को विश्व गुरु बना सकेंगे जो की बनने ही वाला है। आपने अपने प्रैक्टिकल जीवन का अनुभव सुनाते हुए कहा कि मेडिटेशन से मुझे अपने फील्ड में कार्य करने में, सही निर्णय लेने में बड़ी आसानी होती है।
भाजपा युवा मोर्चा इंदौर के नगर अध्यक्ष सौगात मिश्रा ने कहा कि आज हम सभी पूरी तरह मोबाइल पर निर्भर हो चुके हैं। जितना ध्यान हम मोबाइल को चार्ज और अपडेट करने में लगाते हैं इसका थोड़ा सा अंश भी अगर हम स्वयं को अपडेट करने में लगाना शुरू कर दें तो स्वयं के, समाज के, देश के परिवर्तन में बहुत बड़ा योगदान होगा।
कार्यक्रम की शुरुआत मंचासीन अतिथियों के साथ साथ शहर के कई युवा संस्थाओं के, शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि तथा गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्वलन कर किया। ब्रह्माकुमारी आकांक्षा बहन तथा हर्षित भाई ने युवाओं के अंदर उत्साह भरने हेतु सुन्दर गीत की प्रस्तुती दी। शक्ति निकेतन छात्रावास की कन्याओं द्वारा मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग से होने वाले दुष्परिणामों को दर्शाता हुआ ड्रामा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्माकुमारी सोनाली बहन ने किया तथा युवा प्रभाग की जोनल कोऑर्डिनेटर ब्रह्माकुमारी छाया दीदी ने सभी का आभार माना।
इसके पहले  एक अनोखे कार्यक्रम “स्पिरिचुअल कैफे” का आयोजन किया गया।  जिसमें इंदौर शहर के 250 से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया। युवाओं के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में भावनात्मक स्थिरता के माध्यम से ध्यान के महत्व पर चर्चा की।

कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने कॉफी पर चर्चा की और अपने दैनिक जीवन में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए ध्यान के महत्व को जाना।
युवाओं को गाईड करने के लिए अलग अलग ग्रुप बनाये गए थे। जिसमें देश भर से आए ब्रह्माकुमारीज युवा प्रभाग के सदस्यों ने सभी को बताते हुए कहा कि  जीवन है तो चुनोतियाँ तो आएंगी लेकिन उनसे घबराना नहीं चाहिए। वल्कि हमें अपनी आंतरिक शक्ति और गुणों का विकास अपने जीवन में करना चाहिए। इसमें राजयोग ध्यान हमें बहुत मदद करता है। इस अवसर पर विद्यार्थियों और अन्य युवाओं के सवालों के जबाब भी दिए।

कार्यक्रम के अंत मे   युवा प्रभाग की राष्ट्रीय उपाध्यक्षा राजयोगिनी बीके चंद्रिका दीदी ने युवाओं के लिए प्रेरक उद्बोधन देते हुए कहा कि हर युवा अपने आप मे विशेष है। और वह जो ठान ले वह कर सकता है। बस आवश्यकता है अपनी आंतरिक शक्ति को पहचान कर रचनात्मक और सकारात्मक कार्यों में कैसे लगाएं।
दीदी जी ने सभी को राजयोग ध्यान की गहन अनुभूति भी कराई। कार्यक्रम में इंदौर ज़ोन की क्षेत्रीय निदेशिका बीके हेमलता दीदी ने भी युवाओं के लिए प्रेरक उद्बोधन दिया।  बीके मीतू दीदी ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा आभार बीके छाया दीदी ने किया। यह कार्यक्रम इंदौर में पहली बार आयोजित किया गया था और इसका उद्देश्य युवाओं को ध्यान के महत्व के बारे में जागरूक करना था। कार्यक्रम का आयोजन ज्ञान शिखर ओम शांति भवन पलासिया के टेरेस पर किया गया था।

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“सकारात्मक चिंतन से सभी समस्याओं का हल संभव”- ब्रह्माकुमारी श्रेया, मुंबई

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इंदौर, 23 जून । वर्तमान समय हम ऐसे मोड पर खड़े हैं,जहां सब कुछ अनिश्चित है। नित नई-नई परिस्थितियां एवं नई-नई चुनौतियां हमारे सामने है। यह चुनौतियां हमारे मन को हलचल में ले आती है, मन कमजोर हो जाता है, जिससे छोटी-छोटी बातें भी बड़ी समस्या का रूप धारण कर लेती है। अतः कोई भी समस्या आने पर सबसे पहले उसे स्वीकार कर लें और अपने मन को शांत, सकारात्मक बनाकर रखें तो सभी समस्याओं का हल ढूंढ सकते हैं। मन एक ऐसी फैक्ट्री हैं ,जो विचारों का निर्माण करती है, जैसे हमारे विचार होते हैं वैसा वायुमंडल बन जाता है। जिस प्रकार हम मंदिर में जाते हैं तो हमारे विचार शुद्ध पवित्र हो जाते हैं । ऐसे यदि हम हर समय अपने विचारों की शुद्धि का ध्यान रखें तो हमारा घर और मन मंदिर बन जाएगा। जिस प्रकार शारीरिक कमजोरी शरीर की बीमारियों को जन्म देती है, उसी प्रकार मन की कमजोरी नई-नई समस्याओं को जन्म देती हैं।

उक्त विचार मुंबई से पधारी ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन ने ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी सभागृह में “हलचल में अचल” विषय पर उच्चारे। आपने कहा कि हमारे जीवन में अच्छा बुरा जो भी सीन आता है, हमारे ही पूर्व जन्म के कर्मों का फल है। बार-बार प्रश्न करने से कि मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ, उसके बदले चिंतन करें मेरे पुराने कर्मों का खाता चुक्तू हुआ, क्योंकि प्रश्न चित्त रहने से प्रसन्न चित्त नहीं रह सकते। ईश्वर से भी शिकायत करने के बजाय शुकराना करें, धन्यवाद का भाव रखें कि मेरे पास जो है वह बहुत है, सदा शुभ चिंतन, सकारात्मक चिंतन में रहे तो कैसी भी हलचल में अचल रहेंगे। आपने मन को शक्तिशाली बनाने के लिए राजयोग मेडिटेशन की विधि बता कर योग की गहन अनुभूति कराई।

इस अवसर पर सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर पीयूष भाटी ने कहा कि आज परिवार, समाज, देश-विदेश में जो भी घटनाएं घटित हो रही है, जिसे हम न्यूज पेपर और सोशल मीडिया के माध्यम से देख व सुन रहे हैं, जिससे हमारी युवा पीढ़ी और हमारे बच्चें ज्यादा प्रभावित हो रहें हैं, ऐसे समय पर यह कार्यक्रम प्रासंगिक है, जहां आकर हम अपनी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा कर अपनी आंतरिक यात्रा को मंगलमय बना सकते हैं।

अपनी शुभ कामनाएं देते हुए इंदौर जोन की क्षेत्रीय निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि आज सारी दुनिया में कितना हलचल का वातावरण है, कितने युद्ध चल रहे हैं। बाहर तो युद्ध है ही लेकिन सबके मन के भीतर भी मानसिक युद्ध चल रहा है, ऐसे हलचल के वातावरण में जहां कई अवसर भी है तो चुनौतियां भी है । ऐसे समय में हम अपनी आतंरिक शक्तियों को बढ़ाकर हलचल में भी अचल रह सकते हैं।

इस अवसर पर जमीदार युवराज वरदराज मंडलोई ने कहा कि यह ब्रह्माकुमारी संस्था इंसान को अपने अंदर के अवगुणों को निकाल उसे ईश्वर की ऊर्जा से जोड़ने का काम कई दशकों से कर रही है। ज्ञान और अनुभूति ढूंढने पर ही मिलती है। इंदौर शहर का इतिहास भी आध्यात्मिकता से जुड़ा हुआ है यह भी तपस्या की भूमि है।

कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों का स्वागत करते हुए दीप प्रज्वलन कर किया गया ।

इस अवसर पर डॉक्टर दिनेश बिसेन अपर आयुक्त कस्टम, जिला न्यायाधीश विनोद शर्मा, पिपलोदा कोठी की रानी साहिबा, पूर्व महापौर डॉक्टर उमा शशि शर्मा, डॉक्टर विनोद राय, डॉक्टर नयन गुप्ता, योगी मनोज गर्ग ,पूर्व अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षण पीसी दुबे, डॉक्टर गिरीश टावरी, डॉक्टर लता चौहान आदि सभी क्षेत्र के गण उपस्थित थे ।
कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने किया।

 

 

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस – 2025

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“हमारे मन के एक-एक संकल्प का प्रभाव हमारे शरीर पर, संबंधों पर तथा सारे वातावरण पर पड़ता है।” – ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन
21 जून। ज्ञानशिखर, इंदौर।
चमेली देवी योग केंद्र, बालाजी सेवार्थ विनोद अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शहर के मध्य विशाल इनडोर स्टेडियम अभय प्रशाल में आयोजित कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी संस्थान को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया, जिसमें मुंबई की प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन को चीफ गेस्ट के रूप में बुलाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मध्यप्रदेश के शीर्षस्थ उद्योगपति एवं समाजसेवी माननीय विनोद अग्रवाल, माननीय प्रेमचंद गोयल, श्रीमती वंशिका अग्रवाल, बहन अर्चना अग्रवाल, इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी एवं ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन के द्वारा श्रीमती चमेली देवी एवं उनके इष्ट देव बालाजी सालासर को पुष्पांजलि अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम माननीय विनोद अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत किया तथा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का महत्व बताते हुए कहा की इस वर्ष के योग दिवस पर हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने थीम दिया है “एक पृथ्वी, एक हेल्थ”। योग एक ऐसी विधा है जो तन, मन और आत्मा को सांसों के रूप में जोड़कर की जाती है, जिससे हम हर तरह से स्वस्थ रह सकते हैं इसलिए पूरी दुनिया ने इस विधा को माना है।
ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा की हर साल योगा डे एक जागरूकता फैलता है कि कैसे योग हमारे शरीर को स्वस्थ बनाता है, लेकिन एक स्वस्थ शरीर के साथ शक्तिशाली मन की भी जरूरत है। आज हम ऐसे समय से गुजर रहे हैं जहां सब कुछ अनिश्चित है। ऐसे समय पर अगर हमारा मन शक्तिशाली हो तो हर परिस्थिति में स्थिर रह सकते हैं क्योंकि योगी की निशानी है मान-अपमान, निंदा-स्तुति, हार-जीत, सर्दी-गर्मी सब में समान हो। जैसे शरीर कमजोर हो तो कोई ना कोई बीमारी लग जाती है, ऐसे मन कमजोर होने से हम जल्दी-जल्दी हर्ट हो जाते हैं, दुखी हो जाते हैं, जल्दी-जल्दी रोना आ जाता है, छोटी-छोटी बातें सहन नहीं होती, नींद फिट जाती है। आज बहुत सारी बीमारियां साइकोसोमेटिक है। कमजोर मन का प्रभाव केवल शरीर पर ही नहीं अपितु हमारे संबंधों पर भी पड़ता है, हमारे रिश्ते खराब हो जाते हैं। हमारे मन के एक-एक संकल्प का प्रभाव हमारे शरीर पर, संबंधों पर, सारे वातावरण पर पड़ता है। संकल्प हमारी रचना है इसलिए हमें मेडिटेशन कर अपने एक-एक संकल्प को शुद्ध, शक्तिशाली बनाना है। बाहर की स्थिति कैसी भी हो मेरे मन की स्थिति शांत व शक्तिशाली है तो बाह्य परिस्थितियों का असर मेरे मन पर नहीं पड़ेगा। इंदौर शहर सबसे स्वच्छ शहर है पर अब इसे मेडिटेशन द्वारा तनावमुक्त, स्वस्थ शहर बनाना है। आपने कमेंटरी द्वारा योग की गहन अनुभूति भी कराई।
उक्त कार्यक्रम में योग टेंपल के प्रसिद्ध योगी मनोज गर्ग ने प्रोटोकॉल के अनुसार सभी को विधिवत योग, आसन एवं प्राणायाम कराया। बहन काजल मेहता ने जुंबा कराया तथा कुमारी निशा ने योगा नृत्य कर सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के 500 सदस्यों के साथ साथ बीएसएफ, हरिओम योग केंद्र, नादयोग, संस्था मानवता की पहचान, मूकबधिर विद्यालय, सफाई कर्मियों, शहर के नामीग्रामी 25 संगठनों तथा इंदौर के सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेंद्र हार्डिया, पार्षद नन्द किशोर पहाडिया एवं कई अधिकारी, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, मीडिया कर्मियों, उद्योगपति एवं समाजसेवियों ने भाग लिया। रूस से पधारी योग साधक बहन गिरनोवा विक्टोरिया तथा नोर्ज़द्रीकोवा ने भी भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती दिव्या शर्मा ने किया एवं समाजसेवी किशोर गोयल ने सभी का आभार माना।

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ज्ञान शिखर का 9 वां वार्षिकोत्सव एवं मातृ दिवस मनाया

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प्रकाशनार्थ:

ज्ञान शिखर का 9 वां वार्षिकोत्सव एवं मातृ दिवस मनाया

“मां का ऋण कभी चुकाया नहीं जा सकता”- ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी

इंदौर, 11 मई । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के क्षेत्रीय मुख्यालय न्यू पलासिया स्थित ज्ञान शिखर का 9 वां वार्षिकोत्सव एवं मातृ दिवस मनाया गया । खचाखच भरे ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी सभागृह में इंदौर जोन की क्षेत्रीय निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को शुभकामना देते हुए कहा कि इंदौर जोन के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी ने अपने अथक परिश्रम, त्याग, तपस्या से बहुत ऊंचे लक्ष्य को लेकर इस ज्ञान शिखर का निर्माण कराया। यहां समूचे भारत वर्ष से ही नहीं अपितु विदेशों से भी अनेक महान हस्तियों का आना होता है ,उनके अनुभवों का लाभ हमें मिलता है। हम सबको मिलकर आदरणीय ओमप्रकाश भाईजी की संकल्पना को पूरा करना है।

मातृ दिवस के अवसर पर मात्र शक्तियों को बधाई देते हुए कहा कि इस धरती पर मां से बढ़कर कोई नहीं, उनका ऋण कभी नहीं चुकाया जा सकता। परमात्मा की महिमा में भी सबसे पहले मां का संबंध ही जोड़ते हैं ।

शक्ति निकेतन की संचालिका ब्रह्माकुमारी करुणा दीदी ने कहा कि दुनिया में बहुत बड़े-बड़े बंगले ,भवन, फाइव स्टार, सेवन स्टार होटल बनते हैं लेकिन यह ज्ञान शिखर भवन वह स्थान है जहां के कण-कण में आध्यात्मिकता के प्रकंपन फैले हुए हैं। यहां आकर अनेकानेक आत्माएं परमात्मा पिता की अनुभूति कर अनेक जन्मों के लिए अपना जीवन श्रेष्ठ जीवन बनती है।

परमात्मा पिता ने ज्ञान का कलश मातृशक्ति के ऊपर रखा है, इसलिए नारी शक्ति का प्रतीक शिवशक्ति ब्रह्माकुमारी बहनों का सम्मान किया गया ।

कालानी नगर सेवाकेंद्र की कुमारी शिवांशी और कुमारी यशवी ने नृत्य प्रस्तुत किया, ब्रह्माकुमारी आकांक्षा बहन ने सुन्दर गीत की प्रस्तुति दी तथा शक्ति निकेतन की कुमारियों के द्वारा मनमोहक नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी गई।

कार्यक्रम में कालानी नगर की संचालिका ब्रह्माकुमारी जयंती दीदी ,प्रेम नगर क्षेत्र की संचालिका शशि दीदी, सुभाष नगर क्षेत्र की संचालिका ममता दीदी ,रामबाग सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी छाया बहन, साकेत नगर सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी अंबिका बहन, छावनी सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी कुसुम बहन ने भी अपनी शुभ कामनाएं दी।

इस अवसर पर सभी वर्गों के लगभग 1000 भाई बहनें उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने किया।

कार्यक्रम में देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात भारत मां के वीर सपूत सैनिकों की सुरक्षा एवं उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए योग के प्रकंपन फैलाए।

 

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