Brahmakumaris Indore
ओमशांति भवन में “कॉल ऑफ टाइम- इंटरनेट टू इनर नेट”

“बाह्य जगत के साथ-साथ अपने आंतरिक जगत से जुड़ना अतिआवश्यक” – ब्रह्माकुमारी चन्द्रिका दीदी
इंदौर, 17 मार्च। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के युवा प्रभाग द्वारा ज्ञानशिखर ओमशांति भवन में विशेष युवाओं के लिए “कॉल ऑफ टाइम- इंटरनेट टू इनर नेट” विषय पर प्रेरणादाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अहमदाबाद से पधारी युवा प्रभाग की राष्ट्रीय उपाध्यक्षा राजयोगिनी चंद्रिका दीदीजी ने कहा कि जिस प्रकार हमें इंटरनेट के द्वारा बाह्य जगत की सारी जानकारियां मिलती हैं उसी प्रकार हमें मनुष्य आत्मा की अंतर जगत की जानकारी और सूचनाओं का ज्ञात होना भी आवश्यक है। अंतर जगत अर्थात आत्मा में स्थित मन, बुद्धि, संस्कार की शक्तियां एवं उनके कार्यप्रणाली की विस्तृत जानकारी। आत्मा में निहित स्मृति के आधार पर ही हमारे जीवन का स्वरूप निर्धारित होता है। जब हम अपने को आत्मा समझकर परमात्मा पिता को याद करते हैं तो हमारी बुद्धि शांत, एकाग्र और निश्चिन्त हो जाती है। हमारा असली व्यक्तित्व सामने आता है और हम देवत्व की ओर बढ़ने लगते हैं अर्थात मेडिटेशन मनुष्य को मानव से देव तुल्य बनाता है।
इस अवसर पर रेनेसा यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. स्वप्निल कोठारी ने आज के युवा की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा की वर्तमान युग में हमनें शिक्षा के माध्यम से मस्तिष्क को तो विकसित कर दिया लेकिन हृदय को भी विकसित कर सकें ऐसी शिक्षा की आवश्यकता है, जो धर्म और आध्यात्म के द्वारा ही संभव है क्योंकि इसके बिना हरेक के जीवन में अपूर्णता, रिक्तता तथा खालीपन बना ही रहता है। इसलिए जीवन में पूर्णता लाने के लिए बाहरी पढ़ाई, विज्ञान तथा प्रबंधन के साथ-साथ भीतर की यात्रा, धर्म और आध्यात्म भी अति आवश्यक है। तभी हम जीवन में आनंद का अनुभव कर सकते हैं। आगे आपने युवाओं को यथार्थ में जीने तथा रील के बजाय रियल लाइफ में जीने के लिए प्रेरित भी किया।
इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने दिव्य उद्बोधन देते हुए कहा कि आज के इस युग में बहुत तीव्र गति से तकनीकी परिवर्तन हो रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में युवा वर्ग इंटरनेट तथा सोशल मीडिया के गिरफ्त में अत्यधिक फसता जा रहा है। यू ट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि के द्वारा जो कुछ परोसा जा रहा है वह ज्यादातर अश्लील, अभद्र, हिंसक तथा आपत्तिजनक ही होता है जिसके कारण युवाओं में मुल्यहीनता, संस्कारहीनता व नशाखोरी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह एक खतरे की घंटी है। अतः भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए भारत की आधी आबादी- युवाओं में सुसंस्कार तथा सामाजिक सांस्कृतिक मूल्य लाने की आवश्यकता है। इसके लिए असीम ऊर्जा के स्रोत परमात्मा से शक्तियां लेकर अपने अंतर जगत को, व्यवहार को, जीवन को श्रेष्ठ बनाएं। आत्म जागृति से मूल्य की जागरूकता बढ़ेगी और स्व परिवर्तन से स्वर्णिम दुनिया लाने में मदद मिलेगी।
माउंट आबू से मुख्य वक्ता के रूप में पधारे सुप्रसिद्ध माइंड ट्रेनर एवं मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. शक्तिराज सिंह भाई ने अपने वक्तव्य की शुरुआत करते हुए कहा की जो दिखाई नहीं देता उसे भूत रहते हैं, जो तोड़ने से न टूटे उसे मजबूत कहते हैं और जो बनाये देश को उज्जवल उसे यूथ कहते हैं। आगे आपने कहा कि यूथ को युवा कहा जाता है और युवा का उल्टा करें तो वायु बन जाता है। वायु अगर सही दिशा में चले तो ऊर्जा बनती है पर अगर गलत दिशा में मुड़ जाए तो तूफान का रूप ले लेती है तो युवाओं को भी सदा सही दिशा में अपनी ऊर्जा को प्रयोग में लाना बहुत-बहुत जरूरी है। हमें दूसरों की लाइफ को देखने के बजाय अब यह पता करना जरूरी है कि मेरी लाइफ में क्या चल रहा है और अब मुझे क्या करना चाहिए। आपने कई रचनात्मक एक्टिविटीज के माध्यम से विषय को स्पष्ट किया तथा युवाओं में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया।
युवा प्रभाग की कार्यकारी सदस्य भीनमाल सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी डॉ. गीता बहन ने युवा प्रभाग की स्थापना से अब तक की 40 वर्षों के इतिहास की संक्षिप्त जानकारी देते हुए बताया कि इस यात्रा के दौरान लगभग 2 लाख युवा जुड़कर अपने जीवन को चरित्रवान, निर्विकारी, निर्व्यसनी बना चुके हैं। आगे आपने कहा कि जीवन का स्वर्णिम काल होता है युवा और एक कच्ची मिट्टी की तरह अनंत संभावनाओं से भरा समय, जो चाहे, जैसा चाहे वैसे शेप जीवन को देने का समय। बस उसे सवारने सजाने की आवश्यकता होती है।
युवा प्रभाग के मुख्यालय संयोजक ब्रह्माकुमार आत्मप्रकाश भाई ने कहा आज हर संस्था में बहुत अच्छी-अच्छी बातें सुनने को मिलती हैं लेकिन उस ज्ञान को जीवन में धारण करने के लिए आवश्यकता है शक्ति की क्योंकि युक्ति के साथ जब शक्ति होगी तभी हम विकर्मों से मुक्ति और दिव्य गुणों की प्राप्ति कर सकते हैं। ब्रह्माकुमारीज एक ऐसी संस्था है जहां पर परमात्मा स्वयं शक्तियों के स्रोत यहां उपलब्ध मिलते हैं। जैसे मोबाइल की बैटरी को चार्ज करना जरूरी है वैसे ही यह शरीर रूपी सेलफोन है और आत्मा उसकी बैटरी है, जिसकी ऊर्जा को संकल्पों के रूप में हम दिनभर खर्च करते जाते हैं पर चार्ज नहीं करते इसीलिए आज मानसिक बीमारियां बढ़ती जा रही हैं, तो जैसे खाना, सोना हरेक व्यक्ति को हर रोज जरूरी है, ऐसे ही मेडिटेशन के अभ्यास को हर रोज हर व्यक्ति को करना जरूरी है, चाहे वह किसी भी वर्ग, उम्र या धर्म का हो।
कस्टम विभाग इंदौर के अपर आयुक्त दिनेश बिसेन ने कहा कि यदि हम अपने आंतरिक जगत से जुड़कर ऊर्जा को संरक्षित करेंगे तो भारत को विश्व गुरु बना सकेंगे जो की बनने ही वाला है। आपने अपने प्रैक्टिकल जीवन का अनुभव सुनाते हुए कहा कि मेडिटेशन से मुझे अपने फील्ड में कार्य करने में, सही निर्णय लेने में बड़ी आसानी होती है।
भाजपा युवा मोर्चा इंदौर के नगर अध्यक्ष सौगात मिश्रा ने कहा कि आज हम सभी पूरी तरह मोबाइल पर निर्भर हो चुके हैं। जितना ध्यान हम मोबाइल को चार्ज और अपडेट करने में लगाते हैं इसका थोड़ा सा अंश भी अगर हम स्वयं को अपडेट करने में लगाना शुरू कर दें तो स्वयं के, समाज के, देश के परिवर्तन में बहुत बड़ा योगदान होगा।
कार्यक्रम की शुरुआत मंचासीन अतिथियों के साथ साथ शहर के कई युवा संस्थाओं के, शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि तथा गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्वलन कर किया। ब्रह्माकुमारी आकांक्षा बहन तथा हर्षित भाई ने युवाओं के अंदर उत्साह भरने हेतु सुन्दर गीत की प्रस्तुती दी। शक्ति निकेतन छात्रावास की कन्याओं द्वारा मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग से होने वाले दुष्परिणामों को दर्शाता हुआ ड्रामा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्माकुमारी सोनाली बहन ने किया तथा युवा प्रभाग की जोनल कोऑर्डिनेटर ब्रह्माकुमारी छाया दीदी ने सभी का आभार माना।
इसके पहले एक अनोखे कार्यक्रम “स्पिरिचुअल कैफे” का आयोजन किया गया। जिसमें इंदौर शहर के 250 से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया। युवाओं के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में भावनात्मक स्थिरता के माध्यम से ध्यान के महत्व पर चर्चा की।
कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने कॉफी पर चर्चा की और अपने दैनिक जीवन में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए ध्यान के महत्व को जाना।
युवाओं को गाईड करने के लिए अलग अलग ग्रुप बनाये गए थे। जिसमें देश भर से आए ब्रह्माकुमारीज युवा प्रभाग के सदस्यों ने सभी को बताते हुए कहा कि जीवन है तो चुनोतियाँ तो आएंगी लेकिन उनसे घबराना नहीं चाहिए। वल्कि हमें अपनी आंतरिक शक्ति और गुणों का विकास अपने जीवन में करना चाहिए। इसमें राजयोग ध्यान हमें बहुत मदद करता है। इस अवसर पर विद्यार्थियों और अन्य युवाओं के सवालों के जबाब भी दिए।
कार्यक्रम के अंत मे युवा प्रभाग की राष्ट्रीय उपाध्यक्षा राजयोगिनी बीके चंद्रिका दीदी ने युवाओं के लिए प्रेरक उद्बोधन देते हुए कहा कि हर युवा अपने आप मे विशेष है। और वह जो ठान ले वह कर सकता है। बस आवश्यकता है अपनी आंतरिक शक्ति को पहचान कर रचनात्मक और सकारात्मक कार्यों में कैसे लगाएं।
दीदी जी ने सभी को राजयोग ध्यान की गहन अनुभूति भी कराई। कार्यक्रम में इंदौर ज़ोन की क्षेत्रीय निदेशिका बीके हेमलता दीदी ने भी युवाओं के लिए प्रेरक उद्बोधन दिया। बीके मीतू दीदी ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा आभार बीके छाया दीदी ने किया। यह कार्यक्रम इंदौर में पहली बार आयोजित किया गया था और इसका उद्देश्य युवाओं को ध्यान के महत्व के बारे में जागरूक करना था। कार्यक्रम का आयोजन ज्ञान शिखर ओम शांति भवन पलासिया के टेरेस पर किया गया था।
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विशाल रक्तदान शिविर

प्रेस विज्ञप्ति
“रक्तदान जीवनदान है- यह मानवता की सबसे बड़ी सेवा है”
इंदौर, 23 अगस्त। रक्तदान महापुण्य का कार्य है। दादी प्रकाशमणि जी भले आज शरीर रूप में हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी प्रेरणा हमारे साथ है। दादीजी ने आजीवन विश्व भर में समाज की सेवा की और आज उनकी पुण्य स्मृति में यह पुनीत कार्य किया जा रहा है, यह बहुत ही सराहनीय है।
उक्त विचार सांसद शंकर लालवानी ने मुख्य अतिथि के रूप में ब्रह्माकुमारी संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि की 18वीं पुण्यतिथि पर ब्रह्माकुमारीज के समाज सेवा प्रभाग द्वारा न्यू पलासिया स्थित ज्ञानशिखर में आयोजित विशाल रक्तदान शिविर के उद्घाटन में रखें।
इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने बताया कि पूरे भारत और नेपाल में 22 से 25 अगस्त तक विशाल रक्तदान महाअभियान चलाया जा रहा है जिसमें 1 लाख यूनिट रक्त एकत्र कर विश्व रिकार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है क्योंकि रक्तदान जीवनदान है, यही मानवता की सबसे बड़ी सेवा है।
संपूर्ण डायग्नोस्टिक सेंटर की डायरेक्टर डॉ. साधना सोडाणी ने कहा कि हम अपनी जिंदगी से दूसरों को कुछ ना कुछ दे सकते हैं मधुर वाणी, मधुर व्यवहार, ज्ञान, दया, विद्या, प्रेम दे सकते हैं। और अगर रक्त देने के काबिल हों तो जीते जी रक्तदान और मरने के बाद नेत्रदान अवश्य करें।
कालानी नगर क्षेत्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी जयंती दीदी ने कहा कि आज के समय में रक्तदान की विशेष मांग है। समय इतना जटिल होता जा रहा है, जहां देखो एक्सीडेंट, बीमारियां बढ़ती जा रही हैं जिसमें तत्काल रक्त की नितांत आवश्यकता होती है। आज ऐसे महान पुण्य के कार्य को करने हम एकत्रित हुए हैं। आपने अपना व्यक्तिगत अनुभव सुनाया कि प्रथम बार रक्तदान करने पर आपको कितनी खुशी मिली थी। एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नरेंद्र वर्मा ने रक्तदान के प्रति सभी को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमारे एक यूनिट रक्त से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है और साथ साथ हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है इसलिए नियमित रक्तदान करते रहना चाहिए।
इस अवसर पर एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया, एम.वाय. हॉस्पिटल व सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अशोक यादव, कस्टम विभाग के अपरायुक्त डॉ. दिनेश बिसेन, समाजसेवी गिरीश लुल्ला, एम.वाय. हॉस्पिटल के ब्लड बैंक के विभाग अध्यक्ष डॉ. रानू ठाकुर, डॉ. नितिन अजमेरा,आदि ने भी रक्तदान का महत्व बताते हुए अपनी शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। अंत में सभी ने दादी प्रकाशमणि को माल्यार्पण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। संचालन डॉ. शिल्पा देसाई ने किया एवं मेडिकल विंग की जोनल कोऑर्डिनेटर ब्रह्माकुमारी उषा बहन ने सभी का आभार माना। रक्तदान शिविर में कुल 200 क्रॉस यूनिट ब्लड का संग्रह किया गया।
link for video – https://youtu.be/HY_jgmhOG7I
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राजयोगी सूरज भाई जी की उपस्थिति में “समाधान- टॉक शो” का सफल आयोजन

“असफलता ही सफलता के द्वार खोलती है”- ब्रह्माकुमार सूर्य भाई, माउंट आबू
इंदौर 27 जुलाई। “आधुनिक जीवन की भागदौड़ और तनाव के बीच हम सभी जीवन की कई समस्याओं से जूँझते रहते हैं। मन की उलझनें बढ़ती ही जा रही हैं। ऐसे समय पर मन की शक्ति को बढ़ाना अति आवश्यक है। समस्याओं का आना पार्ट आफ लाइफ है, उससे सहज निकलना आर्ट ऑफ लाइफ है।” उक्त विचार ज्ञानशिखर ओमशांति भवन में आयोजित “समाधान- टॉक शो” में मुख्य वक्ता के रूप में माउंट आबू से पधारे महान तपस्वी ब्रह्माकुमार सूरज भाई ने उच्चारे।
आगे आपने कहा कि मनुष्य को जीवन में कभी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि असफलता ही सफलता के द्वार खोलती है। आध्यात्मिकता हमें हर परिस्थिति में सकारात्मक रहना सिखाती है। इससे हमारी आंतरिक शक्तियाँ बढ़ जाती हैं और हम मन की सभी उलझनों और समस्याओं पर विजय प्राप्त कर लेते हैं। आपने लोगों के द्वारा पूछे गए अनेक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि हमें सभी प्रकार के गम से मुक्त हो मनोबल बढ़ाने के लिए सदा ही सर्वशक्तिमान परमात्मा को साथी बनाना है।
टॉक शो में मशहूर टीवी एंकर ब्रह्माकुमार रुपेश भाई ने लोगों के द्वारा पूछे गए सवालों को बहुत ही स्पष्ट और रमणीक अंदाज में सूरज भाई के सामने रखा।
टॉक शो के शुभारंभ में माउंट आबू से पधारे सुप्रसिद्ध प्रेरक वक्ता वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी गीता दीदी ने कहा कि हमें अपने आपको, अपने परिवार को कलयुग के प्रभाव से बचाना है। इस समय मन पर बुराइयों का, विकारों का प्रभाव चरम सीमा पर है, इसलिए घर परिवार में धर्म- कर्म, आध्यात्मिक क्रियाकलाप होते रहे, हम और हमारा परिवार अपने मूल संस्कृति, आध्यात्मिकता से जुड़े रहे ताकि पाप कर्म कम हों और जीवन में दुआओं की पूंजी को बढ़ाएं।
इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि वर्तमान समय तन से ज्यादा मन की बीमारी बढ़ती जा रही है। इस “समाधान” कार्यक्रम से हरेक को अपने मन के प्रश्नों का सही-सही समाधान मिलेगा जिससे हमारे जीवन से दुख कष्ट समाप्त हो जाएंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन द्वारा की गई जिसमें माउंट आबू से पधारे अतिथियों के साथ-साथ फाइनेंस ऑफिसर जयंत नाथ चौधरी, वी वन हॉस्पिटल के डायरेक्टर ए.एल. शर्मा, सन्मति स्कूल के प्रिंसिपल चंद्रकांत शर्मा, एडिशनल कमिश्नर कस्टम विभाग दिनेश बिसेन, कंजरवेटर ऑफ़ फारेस्ट किरण बिसेन, आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारी, डॉक्टर इंजीनियर, व्यापारी, समाजसेवी, युवा आदि सभी वर्गों के 800 गण मान्य लोगों ने लाभ लिया।
आदरणीय सूरज भाई जी के पांच दिवसीय इंदौर प्रवास पर माताओं, भाइयों एवं टीचर्स बहनों के लिए अलग अलग ग्रुप्स में “बंधनमुक्त सो जीवनमुक्त” योग तपस्या भट्ठी तथा “समाधान” टॉक शो का आयोजन किया गया। भट्ठी में लगभग 3000 भाई बहनों ने गहन योग तपस्या की। विशेष रूप से महालक्ष्मी नगर इंदौर में नवनिर्मित राजयोग अनुभूति केंद्र ‘जगदम्बा भवन’ का भव्य उद्घाटन संपन्न हुआ।
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“सकारात्मक चिंतन से सभी समस्याओं का हल संभव”- ब्रह्माकुमारी श्रेया, मुंबई

इंदौर, 23 जून । वर्तमान समय हम ऐसे मोड पर खड़े हैं,जहां सब कुछ अनिश्चित है। नित नई-नई परिस्थितियां एवं नई-नई चुनौतियां हमारे सामने है। यह चुनौतियां हमारे मन को हलचल में ले आती है, मन कमजोर हो जाता है, जिससे छोटी-छोटी बातें भी बड़ी समस्या का रूप धारण कर लेती है। अतः कोई भी समस्या आने पर सबसे पहले उसे स्वीकार कर लें और अपने मन को शांत, सकारात्मक बनाकर रखें तो सभी समस्याओं का हल ढूंढ सकते हैं। मन एक ऐसी फैक्ट्री हैं ,जो विचारों का निर्माण करती है, जैसे हमारे विचार होते हैं वैसा वायुमंडल बन जाता है। जिस प्रकार हम मंदिर में जाते हैं तो हमारे विचार शुद्ध पवित्र हो जाते हैं । ऐसे यदि हम हर समय अपने विचारों की शुद्धि का ध्यान रखें तो हमारा घर और मन मंदिर बन जाएगा। जिस प्रकार शारीरिक कमजोरी शरीर की बीमारियों को जन्म देती है, उसी प्रकार मन की कमजोरी नई-नई समस्याओं को जन्म देती हैं।
उक्त विचार मुंबई से पधारी ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन ने ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी सभागृह में “हलचल में अचल” विषय पर उच्चारे। आपने कहा कि हमारे जीवन में अच्छा बुरा जो भी सीन आता है, हमारे ही पूर्व जन्म के कर्मों का फल है। बार-बार प्रश्न करने से कि मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ, उसके बदले चिंतन करें मेरे पुराने कर्मों का खाता चुक्तू हुआ, क्योंकि प्रश्न चित्त रहने से प्रसन्न चित्त नहीं रह सकते। ईश्वर से भी शिकायत करने के बजाय शुकराना करें, धन्यवाद का भाव रखें कि मेरे पास जो है वह बहुत है, सदा शुभ चिंतन, सकारात्मक चिंतन में रहे तो कैसी भी हलचल में अचल रहेंगे। आपने मन को शक्तिशाली बनाने के लिए राजयोग मेडिटेशन की विधि बता कर योग की गहन अनुभूति कराई।
इस अवसर पर सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर पीयूष भाटी ने कहा कि आज परिवार, समाज, देश-विदेश में जो भी घटनाएं घटित हो रही है, जिसे हम न्यूज पेपर और सोशल मीडिया के माध्यम से देख व सुन रहे हैं, जिससे हमारी युवा पीढ़ी और हमारे बच्चें ज्यादा प्रभावित हो रहें हैं, ऐसे समय पर यह कार्यक्रम प्रासंगिक है, जहां आकर हम अपनी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा कर अपनी आंतरिक यात्रा को मंगलमय बना सकते हैं।
अपनी शुभ कामनाएं देते हुए इंदौर जोन की क्षेत्रीय निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि आज सारी दुनिया में कितना हलचल का वातावरण है, कितने युद्ध चल रहे हैं। बाहर तो युद्ध है ही लेकिन सबके मन के भीतर भी मानसिक युद्ध चल रहा है, ऐसे हलचल के वातावरण में जहां कई अवसर भी है तो चुनौतियां भी है । ऐसे समय में हम अपनी आतंरिक शक्तियों को बढ़ाकर हलचल में भी अचल रह सकते हैं।
इस अवसर पर जमीदार युवराज वरदराज मंडलोई ने कहा कि यह ब्रह्माकुमारी संस्था इंसान को अपने अंदर के अवगुणों को निकाल उसे ईश्वर की ऊर्जा से जोड़ने का काम कई दशकों से कर रही है। ज्ञान और अनुभूति ढूंढने पर ही मिलती है। इंदौर शहर का इतिहास भी आध्यात्मिकता से जुड़ा हुआ है यह भी तपस्या की भूमि है।
कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों का स्वागत करते हुए दीप प्रज्वलन कर किया गया ।
इस अवसर पर डॉक्टर दिनेश बिसेन अपर आयुक्त कस्टम, जिला न्यायाधीश विनोद शर्मा, पिपलोदा कोठी की रानी साहिबा, पूर्व महापौर डॉक्टर उमा शशि शर्मा, डॉक्टर विनोद राय, डॉक्टर नयन गुप्ता, योगी मनोज गर्ग ,पूर्व अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षण पीसी दुबे, डॉक्टर गिरीश टावरी, डॉक्टर लता चौहान आदि सभी क्षेत्र के गण उपस्थित थे ।
कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने किया।
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