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विश्व पर्यावरण दिवस

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प्रेस विज्ञप्ति
“पर्यावरण प्रदूषण मानव मन के आंतरिक प्रदूषण का परिणाम हैं”- ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी
इंदौर, 5 जून। आज विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के न्यू पलासिया स्थित ज्ञानशिखर ओमशांति भवन में “पर्यावरण संरक्षण- जीवन संरक्षण” विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें ब्रह्माकुमारीज के इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा की प्रकृति ने हमें जीवन जीने के लिए सब कुछ नि:शुल्क दिया लेकिन आज मानव के उपभोक्तावादी पाश्चात्य संस्कृति और औद्योगिकीकरण के कारण उसने इतना विकराल रूप धारण कर लिया है जो अभी उसे संरक्षित नहीं किया गया तो आने वाले समय में हमें ना तो शुद्ध ऑक्सीजन मिलेगी, ना अन्य दूसरे संसाधन उपलब्ध हो पाएंगे। वास्तव में यह बाहरी प्रदूषण मानव मन के आंतरिक प्रदूषण का ही परिणाम है। आज खेतों में जो अन्न उपजा रहे हैं उसमें भी कीटों को मारने के संकल्प से जहरीली कीटनाशक दवाइयां डाली जा रही है जिससे अनाज भी विषैला और प्रदूषित हो रहा है। अतः प्रकृति को शुद्ध बनाने के लिए मन को शुद्ध बनाएं, प्रकृति के प्रति उदारता का भाव रखें। ब्रह्माकुमारी संस्थान में हम राजयोग मेडिटेशन द्वारा पवित्र, शांति के प्रकंपन चारों ओर फैलाकर प्रकृति के पांचों तत्वों को सतोप्रधान बनाने का प्रयास करते हैं और हम सब के सामूहिक प्रयास से निश्चित रूप से भारत फिर से प्राकृतिक सौंदर्य से संपन्न, विश्व गुरु, सिरमौर बन जाएगा।
इंदौर के पूर्व अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक पी. सी. दुबे ने बताया कि आज का नागरिक पर्यावरण के प्रति अपने दायित्वों से विमुख होने तथा जीवनशैली में बदलाव के कारण प्रकृति के प्रति कृतज्ञता के भाव के बजाय उस पर और अधिक बोझ डालते जा रहा है। आज हम पर्यावरण की दृष्टिकोण से बहुत गंभीर संकट की स्थिति में खड़े हैं। विश्वभर में 400 मिलियन टन प्लास्टिक हर वर्ष वेस्ट होता है जो बहकर समुद्रों में जाता है और नीचे जम जाता है। तो हमें यह जानकारी हो कि जंगल से हमें केवल 28% ऑक्सीजन मिलता है बाकी 72% ऑक्सीजन समुद्र में जो पौधे, एलगी, बीट है उनसे पैदा होता है। प्लास्टिक का यह 400 मिलियन टन का कचरा वहां जाकर समुद्री सतह को दूषित कर रहा है जिससे ऑक्सीजन भी कम उत्पन्न होने लगा है। आज का युवा अगर चाहे तो प्रकृति संरक्षण के इस गंभीर विषय को बार-बार सोशल मीडिया पर डालें तो जन प्रतिनिधि व सरकार के ऊपर एक चेतना विकसित होती है। जब पर्यावरण संरक्षण जन-जन के मन का विचार होगा तभी बदलाव संभव है।
उज्जैन की वन संरक्षक श्रीमती किरण बिसेन ने कहा कि आज समय की पुकार है कि हम पर्यावरण को आध्यात्म से जोड़े तभी हम अगली पीढ़ी को कुछ दे पाएंगे। प्रकृति हमें हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सब कुछ देती है लेकिन हमारे लोभ, हबच के लिए नहीं। हमारी सोच का प्रकृति के हर तत्व पर प्रभाव पड़ता है। प्रकृति संरक्षण के लिए हम अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव लाएं- घर से निकले तो लाइट, पानी बचाएं, प्लास्टिक के बजाये कपड़े का थैला इस्तेमाल करें। इसमें जन भागीदारी का बहुत महत्व है। पौधे लगाने के साथ-साथ उसका संरक्षण भी करें। आपने सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण प्रति चलाए जा रहे अनेक योजनाओं की जानकारी भी दी।
इस अवसर पर नगर निगम के जल विभाग के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि दिनोंदिन पानी की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। धरती का 70% भाग जल है लेकिन उसमें से पीने योग्य, स्वच्छ पानी भूजल के रूप में मात्र 0.3% है जो कि अपने आप में एक अत्यंत चिंता का विषय बन चुका है। इसलिए यह हम सब की जिम्मेवारी है कि हम अपने-अपने स्तर पर वर्षा जल का संचय करना शुरू करें।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। संगम नगर सेवाकेंद्र की कुमारियों ने लघु नाटिका के माध्यम से सभी को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। ब्रह्माकुमारीज के मेडिकल विंग की जोनल कोऑर्डिनेटर ब्रह्माकुमारी उषा दीदी ने प्रकृति को शांति, शक्ति के वाइब्रेशंस देने के लिए गहन योग की अनुभूति कराई। ओमशांति भवन की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी ने सभी को प्रकृति संरक्षण प्रति प्रतिज्ञा कराई। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी भुनेश्वरी बहन ने किया। अंत में सभी अतिथियों ने पौधारोपण कर सभी को वर्षा काल में अधिक से अधिक पौधा लगाने की प्रेरणा दी।

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“सकारात्मक चिंतन से सभी समस्याओं का हल संभव”- ब्रह्माकुमारी श्रेया, मुंबई

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इंदौर, 23 जून । वर्तमान समय हम ऐसे मोड पर खड़े हैं,जहां सब कुछ अनिश्चित है। नित नई-नई परिस्थितियां एवं नई-नई चुनौतियां हमारे सामने है। यह चुनौतियां हमारे मन को हलचल में ले आती है, मन कमजोर हो जाता है, जिससे छोटी-छोटी बातें भी बड़ी समस्या का रूप धारण कर लेती है। अतः कोई भी समस्या आने पर सबसे पहले उसे स्वीकार कर लें और अपने मन को शांत, सकारात्मक बनाकर रखें तो सभी समस्याओं का हल ढूंढ सकते हैं। मन एक ऐसी फैक्ट्री हैं ,जो विचारों का निर्माण करती है, जैसे हमारे विचार होते हैं वैसा वायुमंडल बन जाता है। जिस प्रकार हम मंदिर में जाते हैं तो हमारे विचार शुद्ध पवित्र हो जाते हैं । ऐसे यदि हम हर समय अपने विचारों की शुद्धि का ध्यान रखें तो हमारा घर और मन मंदिर बन जाएगा। जिस प्रकार शारीरिक कमजोरी शरीर की बीमारियों को जन्म देती है, उसी प्रकार मन की कमजोरी नई-नई समस्याओं को जन्म देती हैं।

उक्त विचार मुंबई से पधारी ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन ने ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी सभागृह में “हलचल में अचल” विषय पर उच्चारे। आपने कहा कि हमारे जीवन में अच्छा बुरा जो भी सीन आता है, हमारे ही पूर्व जन्म के कर्मों का फल है। बार-बार प्रश्न करने से कि मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ, उसके बदले चिंतन करें मेरे पुराने कर्मों का खाता चुक्तू हुआ, क्योंकि प्रश्न चित्त रहने से प्रसन्न चित्त नहीं रह सकते। ईश्वर से भी शिकायत करने के बजाय शुकराना करें, धन्यवाद का भाव रखें कि मेरे पास जो है वह बहुत है, सदा शुभ चिंतन, सकारात्मक चिंतन में रहे तो कैसी भी हलचल में अचल रहेंगे। आपने मन को शक्तिशाली बनाने के लिए राजयोग मेडिटेशन की विधि बता कर योग की गहन अनुभूति कराई।

इस अवसर पर सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर पीयूष भाटी ने कहा कि आज परिवार, समाज, देश-विदेश में जो भी घटनाएं घटित हो रही है, जिसे हम न्यूज पेपर और सोशल मीडिया के माध्यम से देख व सुन रहे हैं, जिससे हमारी युवा पीढ़ी और हमारे बच्चें ज्यादा प्रभावित हो रहें हैं, ऐसे समय पर यह कार्यक्रम प्रासंगिक है, जहां आकर हम अपनी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा कर अपनी आंतरिक यात्रा को मंगलमय बना सकते हैं।

अपनी शुभ कामनाएं देते हुए इंदौर जोन की क्षेत्रीय निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि आज सारी दुनिया में कितना हलचल का वातावरण है, कितने युद्ध चल रहे हैं। बाहर तो युद्ध है ही लेकिन सबके मन के भीतर भी मानसिक युद्ध चल रहा है, ऐसे हलचल के वातावरण में जहां कई अवसर भी है तो चुनौतियां भी है । ऐसे समय में हम अपनी आतंरिक शक्तियों को बढ़ाकर हलचल में भी अचल रह सकते हैं।

इस अवसर पर जमीदार युवराज वरदराज मंडलोई ने कहा कि यह ब्रह्माकुमारी संस्था इंसान को अपने अंदर के अवगुणों को निकाल उसे ईश्वर की ऊर्जा से जोड़ने का काम कई दशकों से कर रही है। ज्ञान और अनुभूति ढूंढने पर ही मिलती है। इंदौर शहर का इतिहास भी आध्यात्मिकता से जुड़ा हुआ है यह भी तपस्या की भूमि है।

कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों का स्वागत करते हुए दीप प्रज्वलन कर किया गया ।

इस अवसर पर डॉक्टर दिनेश बिसेन अपर आयुक्त कस्टम, जिला न्यायाधीश विनोद शर्मा, पिपलोदा कोठी की रानी साहिबा, पूर्व महापौर डॉक्टर उमा शशि शर्मा, डॉक्टर विनोद राय, डॉक्टर नयन गुप्ता, योगी मनोज गर्ग ,पूर्व अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षण पीसी दुबे, डॉक्टर गिरीश टावरी, डॉक्टर लता चौहान आदि सभी क्षेत्र के गण उपस्थित थे ।
कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने किया।

 

 

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस – 2025

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“हमारे मन के एक-एक संकल्प का प्रभाव हमारे शरीर पर, संबंधों पर तथा सारे वातावरण पर पड़ता है।” – ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन
21 जून। ज्ञानशिखर, इंदौर।
चमेली देवी योग केंद्र, बालाजी सेवार्थ विनोद अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शहर के मध्य विशाल इनडोर स्टेडियम अभय प्रशाल में आयोजित कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी संस्थान को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया, जिसमें मुंबई की प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन को चीफ गेस्ट के रूप में बुलाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मध्यप्रदेश के शीर्षस्थ उद्योगपति एवं समाजसेवी माननीय विनोद अग्रवाल, माननीय प्रेमचंद गोयल, श्रीमती वंशिका अग्रवाल, बहन अर्चना अग्रवाल, इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी एवं ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन के द्वारा श्रीमती चमेली देवी एवं उनके इष्ट देव बालाजी सालासर को पुष्पांजलि अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम माननीय विनोद अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत किया तथा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का महत्व बताते हुए कहा की इस वर्ष के योग दिवस पर हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने थीम दिया है “एक पृथ्वी, एक हेल्थ”। योग एक ऐसी विधा है जो तन, मन और आत्मा को सांसों के रूप में जोड़कर की जाती है, जिससे हम हर तरह से स्वस्थ रह सकते हैं इसलिए पूरी दुनिया ने इस विधा को माना है।
ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा की हर साल योगा डे एक जागरूकता फैलता है कि कैसे योग हमारे शरीर को स्वस्थ बनाता है, लेकिन एक स्वस्थ शरीर के साथ शक्तिशाली मन की भी जरूरत है। आज हम ऐसे समय से गुजर रहे हैं जहां सब कुछ अनिश्चित है। ऐसे समय पर अगर हमारा मन शक्तिशाली हो तो हर परिस्थिति में स्थिर रह सकते हैं क्योंकि योगी की निशानी है मान-अपमान, निंदा-स्तुति, हार-जीत, सर्दी-गर्मी सब में समान हो। जैसे शरीर कमजोर हो तो कोई ना कोई बीमारी लग जाती है, ऐसे मन कमजोर होने से हम जल्दी-जल्दी हर्ट हो जाते हैं, दुखी हो जाते हैं, जल्दी-जल्दी रोना आ जाता है, छोटी-छोटी बातें सहन नहीं होती, नींद फिट जाती है। आज बहुत सारी बीमारियां साइकोसोमेटिक है। कमजोर मन का प्रभाव केवल शरीर पर ही नहीं अपितु हमारे संबंधों पर भी पड़ता है, हमारे रिश्ते खराब हो जाते हैं। हमारे मन के एक-एक संकल्प का प्रभाव हमारे शरीर पर, संबंधों पर, सारे वातावरण पर पड़ता है। संकल्प हमारी रचना है इसलिए हमें मेडिटेशन कर अपने एक-एक संकल्प को शुद्ध, शक्तिशाली बनाना है। बाहर की स्थिति कैसी भी हो मेरे मन की स्थिति शांत व शक्तिशाली है तो बाह्य परिस्थितियों का असर मेरे मन पर नहीं पड़ेगा। इंदौर शहर सबसे स्वच्छ शहर है पर अब इसे मेडिटेशन द्वारा तनावमुक्त, स्वस्थ शहर बनाना है। आपने कमेंटरी द्वारा योग की गहन अनुभूति भी कराई।
उक्त कार्यक्रम में योग टेंपल के प्रसिद्ध योगी मनोज गर्ग ने प्रोटोकॉल के अनुसार सभी को विधिवत योग, आसन एवं प्राणायाम कराया। बहन काजल मेहता ने जुंबा कराया तथा कुमारी निशा ने योगा नृत्य कर सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के 500 सदस्यों के साथ साथ बीएसएफ, हरिओम योग केंद्र, नादयोग, संस्था मानवता की पहचान, मूकबधिर विद्यालय, सफाई कर्मियों, शहर के नामीग्रामी 25 संगठनों तथा इंदौर के सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेंद्र हार्डिया, पार्षद नन्द किशोर पहाडिया एवं कई अधिकारी, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, मीडिया कर्मियों, उद्योगपति एवं समाजसेवियों ने भाग लिया। रूस से पधारी योग साधक बहन गिरनोवा विक्टोरिया तथा नोर्ज़द्रीकोवा ने भी भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती दिव्या शर्मा ने किया एवं समाजसेवी किशोर गोयल ने सभी का आभार माना।

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ज्ञान शिखर का 9 वां वार्षिकोत्सव एवं मातृ दिवस मनाया

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प्रकाशनार्थ:

ज्ञान शिखर का 9 वां वार्षिकोत्सव एवं मातृ दिवस मनाया

“मां का ऋण कभी चुकाया नहीं जा सकता”- ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी

इंदौर, 11 मई । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के क्षेत्रीय मुख्यालय न्यू पलासिया स्थित ज्ञान शिखर का 9 वां वार्षिकोत्सव एवं मातृ दिवस मनाया गया । खचाखच भरे ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी सभागृह में इंदौर जोन की क्षेत्रीय निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को शुभकामना देते हुए कहा कि इंदौर जोन के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी ने अपने अथक परिश्रम, त्याग, तपस्या से बहुत ऊंचे लक्ष्य को लेकर इस ज्ञान शिखर का निर्माण कराया। यहां समूचे भारत वर्ष से ही नहीं अपितु विदेशों से भी अनेक महान हस्तियों का आना होता है ,उनके अनुभवों का लाभ हमें मिलता है। हम सबको मिलकर आदरणीय ओमप्रकाश भाईजी की संकल्पना को पूरा करना है।

मातृ दिवस के अवसर पर मात्र शक्तियों को बधाई देते हुए कहा कि इस धरती पर मां से बढ़कर कोई नहीं, उनका ऋण कभी नहीं चुकाया जा सकता। परमात्मा की महिमा में भी सबसे पहले मां का संबंध ही जोड़ते हैं ।

शक्ति निकेतन की संचालिका ब्रह्माकुमारी करुणा दीदी ने कहा कि दुनिया में बहुत बड़े-बड़े बंगले ,भवन, फाइव स्टार, सेवन स्टार होटल बनते हैं लेकिन यह ज्ञान शिखर भवन वह स्थान है जहां के कण-कण में आध्यात्मिकता के प्रकंपन फैले हुए हैं। यहां आकर अनेकानेक आत्माएं परमात्मा पिता की अनुभूति कर अनेक जन्मों के लिए अपना जीवन श्रेष्ठ जीवन बनती है।

परमात्मा पिता ने ज्ञान का कलश मातृशक्ति के ऊपर रखा है, इसलिए नारी शक्ति का प्रतीक शिवशक्ति ब्रह्माकुमारी बहनों का सम्मान किया गया ।

कालानी नगर सेवाकेंद्र की कुमारी शिवांशी और कुमारी यशवी ने नृत्य प्रस्तुत किया, ब्रह्माकुमारी आकांक्षा बहन ने सुन्दर गीत की प्रस्तुति दी तथा शक्ति निकेतन की कुमारियों के द्वारा मनमोहक नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी गई।

कार्यक्रम में कालानी नगर की संचालिका ब्रह्माकुमारी जयंती दीदी ,प्रेम नगर क्षेत्र की संचालिका शशि दीदी, सुभाष नगर क्षेत्र की संचालिका ममता दीदी ,रामबाग सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी छाया बहन, साकेत नगर सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी अंबिका बहन, छावनी सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी कुसुम बहन ने भी अपनी शुभ कामनाएं दी।

इस अवसर पर सभी वर्गों के लगभग 1000 भाई बहनें उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने किया।

कार्यक्रम में देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात भारत मां के वीर सपूत सैनिकों की सुरक्षा एवं उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए योग के प्रकंपन फैलाए।

 

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