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शिव जयंती एवं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस प्रोग्राम

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“समाज निर्माण में नारी का योगदान पुरुष से बढ़कर”

” अभिमान से मुक्त हो सेवा करो तनाव नहीं होगा”- माल सिंह भयड़िया,इंदौर संभागायुक्त

इंदौर, 3 मार्च। मनुष्य की जन्मदात्री मां ही प्रथम गुरु है। समाज और विश्व के निर्माण में नारी का बहुत बड़ा योगदान है। अधिकार की बात करें तो स्त्री को पुरुष के समान ही नहीं अपितु पुरुष से बढ़कर अधिकार और सम्मान दिया जाना चाहिए।

यह प्रेरक विचार इंदौर संभाग के कमिश्नर माल सिंह  भयड़िया ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी  ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ज्ञान शिखर ओम शांति भवन में शिव जयंती एवं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ( 8 मार्च ) के उपलक्ष्य में ” शिव अवतरण द्वारा महिला सशक्तिकरण” विषय पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि महिलाओं को समाज में समान अधिकारों से भी बढ़कर अधिकार और सम्मान देना हमारा कर्तव्य है । आपने कहा कि गरीबों की सेवा में ही असली आनंद है । व्यक्ति को अभिमान से मुक्त हो सेवा करनी चाहिए जिससे तनाव नहीं होगा । उन्होंने कहा कि स्वयं से प्रण लें कि मुझे समाज में अच्छा कार्य ही करना है । महान व्यक्ति जीवन के आरंभिक काल से ही कठिनाइयों को पार करते हुए शिखर पर पहुंचते हैं ।

इस अवसर पर  इंदौर जोन की क्षेत्रीय निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि नर और नारी दोनों समाज के दो पहिए हैं । दोनों का विकास साथ-साथ होना चाहिए । बच्चों को सुसंस्कारित करना मां का प्रथम कर्तव्य है, ताकि कहीं गलत रास्ते पर ना चले जाएं ।  घर-घर को स्वर्ग बनाने की जिम्मेदारी नारी पर ही है । उन्होंने कहा कि हम आत्म चिंतन करें। ईश्वर की अपार शक्तियां और गुण हमारे अंदर निहित है, बस  उनको जागृत करने की आवश्यकता है तो समाज सुखी,स्वस्थ और सुंदर बन जाएगा।

कार्यक्रम में इंदौर क्षेत्र की पोस्ट मास्टर जनरल प्रीति अग्रवाल ने कहा कि महिला यदि समर्थ और सशक्त हो जाए तो परिवार के साथ- साथ समाज को भी दिशा दें सकती है। नारी को स्वतंत्र होना चाहिए लेकिन स्वच्छंद नहीं होना चाहिए । आपने जीवन में आध्यात्मिकता का महत्व बताते हुए कहा कि नारी अध्यात्मिकता  द्वारा स्वयं को सशक्त बनाकर परिवार को भी बिखरने से बचा सकती है। ईश्वर पर विश्वास हमें कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी जीवन जीने का साहस देता है। आपने कहा महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का यादगार दिन है ।

कार्यक्रम में  साकेत सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी अंबिका  बहन ने कहा कि  भारत में शिवरात्रि और नवरात्रि दोनों का महत्व है । भारत को शांतिमय और सुखमय में बनाने में महिलाओं की अग्रणी भूमिका है। आज नारी पाश्चात्य सभ्यता का अंधानुकरण कर फैशन परस्त जीवन व्यतीत कर रही है। परिवार में यदि नारी अच्छे विचारों के साथ भोजन निर्माण करती है तो वही भोजन प्रसाद बन जाता है जिसे खाने वाले सभी लोगों के मन में सकारात्मक और शुद्ध विचार उत्पन्न होते हैं और शुद्ध विचार ही श्रेष्ठ कर्म का आधार है।

कार्यक्रम में शक्ति निकेतन की संचालिका ब्रह्माकुमारी करुणा दीदी ने राजयोग की गहन अनुभूति कराई।

इसके पश्चात अतिथियों एवं शहर के अनेक गणमान्य प्रबुद्ध जनों ने दीप जलाकर शिव महोत्सव का शुभारंभ किया।  साथ ही  शिव ध्वज फहराया  गया।  गंगोत्री विहार कॉलोनी की ब्रह्माकुमारी सीमा बहन ने शिव जयंती के शुभ अवसर पर हृदय पर हाथ रखकर सबको मधुरता युक्त जीवन जीने की प्रतिज्ञा करवाई ।  ब्रह्माकुमारी आकांक्षा बहन ने शिव महिमा पर आधारित ओम नमः शिवाय की प्रस्तुति दी।  कार्यक्रम का संचालन प्रेमनगर सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी शशि बहन ने किया।

अंत में शिव संदेश देने के लिए भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। जिसमें रथ पर चैतन्य लक्ष्मी नारायण की झांकी, परमत्मा शिव की झांकी, सिर पर कलश लिए ब्रह्माकुमारी बहनें विशेष आकर्षण का केन्द्र रही।

साथ ही जीवन को नशा मुक्त बनाने एवं ट्रैफिक नियमों का पालन करने का सन्देश भी दिया गया।

समारोह में बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

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“सकारात्मक चिंतन से सभी समस्याओं का हल संभव”- ब्रह्माकुमारी श्रेया, मुंबई

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इंदौर, 23 जून । वर्तमान समय हम ऐसे मोड पर खड़े हैं,जहां सब कुछ अनिश्चित है। नित नई-नई परिस्थितियां एवं नई-नई चुनौतियां हमारे सामने है। यह चुनौतियां हमारे मन को हलचल में ले आती है, मन कमजोर हो जाता है, जिससे छोटी-छोटी बातें भी बड़ी समस्या का रूप धारण कर लेती है। अतः कोई भी समस्या आने पर सबसे पहले उसे स्वीकार कर लें और अपने मन को शांत, सकारात्मक बनाकर रखें तो सभी समस्याओं का हल ढूंढ सकते हैं। मन एक ऐसी फैक्ट्री हैं ,जो विचारों का निर्माण करती है, जैसे हमारे विचार होते हैं वैसा वायुमंडल बन जाता है। जिस प्रकार हम मंदिर में जाते हैं तो हमारे विचार शुद्ध पवित्र हो जाते हैं । ऐसे यदि हम हर समय अपने विचारों की शुद्धि का ध्यान रखें तो हमारा घर और मन मंदिर बन जाएगा। जिस प्रकार शारीरिक कमजोरी शरीर की बीमारियों को जन्म देती है, उसी प्रकार मन की कमजोरी नई-नई समस्याओं को जन्म देती हैं।

उक्त विचार मुंबई से पधारी ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन ने ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी सभागृह में “हलचल में अचल” विषय पर उच्चारे। आपने कहा कि हमारे जीवन में अच्छा बुरा जो भी सीन आता है, हमारे ही पूर्व जन्म के कर्मों का फल है। बार-बार प्रश्न करने से कि मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ, उसके बदले चिंतन करें मेरे पुराने कर्मों का खाता चुक्तू हुआ, क्योंकि प्रश्न चित्त रहने से प्रसन्न चित्त नहीं रह सकते। ईश्वर से भी शिकायत करने के बजाय शुकराना करें, धन्यवाद का भाव रखें कि मेरे पास जो है वह बहुत है, सदा शुभ चिंतन, सकारात्मक चिंतन में रहे तो कैसी भी हलचल में अचल रहेंगे। आपने मन को शक्तिशाली बनाने के लिए राजयोग मेडिटेशन की विधि बता कर योग की गहन अनुभूति कराई।

इस अवसर पर सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर पीयूष भाटी ने कहा कि आज परिवार, समाज, देश-विदेश में जो भी घटनाएं घटित हो रही है, जिसे हम न्यूज पेपर और सोशल मीडिया के माध्यम से देख व सुन रहे हैं, जिससे हमारी युवा पीढ़ी और हमारे बच्चें ज्यादा प्रभावित हो रहें हैं, ऐसे समय पर यह कार्यक्रम प्रासंगिक है, जहां आकर हम अपनी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा कर अपनी आंतरिक यात्रा को मंगलमय बना सकते हैं।

अपनी शुभ कामनाएं देते हुए इंदौर जोन की क्षेत्रीय निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि आज सारी दुनिया में कितना हलचल का वातावरण है, कितने युद्ध चल रहे हैं। बाहर तो युद्ध है ही लेकिन सबके मन के भीतर भी मानसिक युद्ध चल रहा है, ऐसे हलचल के वातावरण में जहां कई अवसर भी है तो चुनौतियां भी है । ऐसे समय में हम अपनी आतंरिक शक्तियों को बढ़ाकर हलचल में भी अचल रह सकते हैं।

इस अवसर पर जमीदार युवराज वरदराज मंडलोई ने कहा कि यह ब्रह्माकुमारी संस्था इंसान को अपने अंदर के अवगुणों को निकाल उसे ईश्वर की ऊर्जा से जोड़ने का काम कई दशकों से कर रही है। ज्ञान और अनुभूति ढूंढने पर ही मिलती है। इंदौर शहर का इतिहास भी आध्यात्मिकता से जुड़ा हुआ है यह भी तपस्या की भूमि है।

कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों का स्वागत करते हुए दीप प्रज्वलन कर किया गया ।

इस अवसर पर डॉक्टर दिनेश बिसेन अपर आयुक्त कस्टम, जिला न्यायाधीश विनोद शर्मा, पिपलोदा कोठी की रानी साहिबा, पूर्व महापौर डॉक्टर उमा शशि शर्मा, डॉक्टर विनोद राय, डॉक्टर नयन गुप्ता, योगी मनोज गर्ग ,पूर्व अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षण पीसी दुबे, डॉक्टर गिरीश टावरी, डॉक्टर लता चौहान आदि सभी क्षेत्र के गण उपस्थित थे ।
कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने किया।

 

 

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस – 2025

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“हमारे मन के एक-एक संकल्प का प्रभाव हमारे शरीर पर, संबंधों पर तथा सारे वातावरण पर पड़ता है।” – ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन
21 जून। ज्ञानशिखर, इंदौर।
चमेली देवी योग केंद्र, बालाजी सेवार्थ विनोद अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शहर के मध्य विशाल इनडोर स्टेडियम अभय प्रशाल में आयोजित कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी संस्थान को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया, जिसमें मुंबई की प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन को चीफ गेस्ट के रूप में बुलाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मध्यप्रदेश के शीर्षस्थ उद्योगपति एवं समाजसेवी माननीय विनोद अग्रवाल, माननीय प्रेमचंद गोयल, श्रीमती वंशिका अग्रवाल, बहन अर्चना अग्रवाल, इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी एवं ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन के द्वारा श्रीमती चमेली देवी एवं उनके इष्ट देव बालाजी सालासर को पुष्पांजलि अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम माननीय विनोद अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत किया तथा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का महत्व बताते हुए कहा की इस वर्ष के योग दिवस पर हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने थीम दिया है “एक पृथ्वी, एक हेल्थ”। योग एक ऐसी विधा है जो तन, मन और आत्मा को सांसों के रूप में जोड़कर की जाती है, जिससे हम हर तरह से स्वस्थ रह सकते हैं इसलिए पूरी दुनिया ने इस विधा को माना है।
ब्रह्माकुमारी श्रेया बहन ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा की हर साल योगा डे एक जागरूकता फैलता है कि कैसे योग हमारे शरीर को स्वस्थ बनाता है, लेकिन एक स्वस्थ शरीर के साथ शक्तिशाली मन की भी जरूरत है। आज हम ऐसे समय से गुजर रहे हैं जहां सब कुछ अनिश्चित है। ऐसे समय पर अगर हमारा मन शक्तिशाली हो तो हर परिस्थिति में स्थिर रह सकते हैं क्योंकि योगी की निशानी है मान-अपमान, निंदा-स्तुति, हार-जीत, सर्दी-गर्मी सब में समान हो। जैसे शरीर कमजोर हो तो कोई ना कोई बीमारी लग जाती है, ऐसे मन कमजोर होने से हम जल्दी-जल्दी हर्ट हो जाते हैं, दुखी हो जाते हैं, जल्दी-जल्दी रोना आ जाता है, छोटी-छोटी बातें सहन नहीं होती, नींद फिट जाती है। आज बहुत सारी बीमारियां साइकोसोमेटिक है। कमजोर मन का प्रभाव केवल शरीर पर ही नहीं अपितु हमारे संबंधों पर भी पड़ता है, हमारे रिश्ते खराब हो जाते हैं। हमारे मन के एक-एक संकल्प का प्रभाव हमारे शरीर पर, संबंधों पर, सारे वातावरण पर पड़ता है। संकल्प हमारी रचना है इसलिए हमें मेडिटेशन कर अपने एक-एक संकल्प को शुद्ध, शक्तिशाली बनाना है। बाहर की स्थिति कैसी भी हो मेरे मन की स्थिति शांत व शक्तिशाली है तो बाह्य परिस्थितियों का असर मेरे मन पर नहीं पड़ेगा। इंदौर शहर सबसे स्वच्छ शहर है पर अब इसे मेडिटेशन द्वारा तनावमुक्त, स्वस्थ शहर बनाना है। आपने कमेंटरी द्वारा योग की गहन अनुभूति भी कराई।
उक्त कार्यक्रम में योग टेंपल के प्रसिद्ध योगी मनोज गर्ग ने प्रोटोकॉल के अनुसार सभी को विधिवत योग, आसन एवं प्राणायाम कराया। बहन काजल मेहता ने जुंबा कराया तथा कुमारी निशा ने योगा नृत्य कर सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के 500 सदस्यों के साथ साथ बीएसएफ, हरिओम योग केंद्र, नादयोग, संस्था मानवता की पहचान, मूकबधिर विद्यालय, सफाई कर्मियों, शहर के नामीग्रामी 25 संगठनों तथा इंदौर के सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेंद्र हार्डिया, पार्षद नन्द किशोर पहाडिया एवं कई अधिकारी, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, मीडिया कर्मियों, उद्योगपति एवं समाजसेवियों ने भाग लिया। रूस से पधारी योग साधक बहन गिरनोवा विक्टोरिया तथा नोर्ज़द्रीकोवा ने भी भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती दिव्या शर्मा ने किया एवं समाजसेवी किशोर गोयल ने सभी का आभार माना।

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ज्ञान शिखर का 9 वां वार्षिकोत्सव एवं मातृ दिवस मनाया

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प्रकाशनार्थ:

ज्ञान शिखर का 9 वां वार्षिकोत्सव एवं मातृ दिवस मनाया

“मां का ऋण कभी चुकाया नहीं जा सकता”- ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी

इंदौर, 11 मई । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के क्षेत्रीय मुख्यालय न्यू पलासिया स्थित ज्ञान शिखर का 9 वां वार्षिकोत्सव एवं मातृ दिवस मनाया गया । खचाखच भरे ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी सभागृह में इंदौर जोन की क्षेत्रीय निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को शुभकामना देते हुए कहा कि इंदौर जोन के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी ने अपने अथक परिश्रम, त्याग, तपस्या से बहुत ऊंचे लक्ष्य को लेकर इस ज्ञान शिखर का निर्माण कराया। यहां समूचे भारत वर्ष से ही नहीं अपितु विदेशों से भी अनेक महान हस्तियों का आना होता है ,उनके अनुभवों का लाभ हमें मिलता है। हम सबको मिलकर आदरणीय ओमप्रकाश भाईजी की संकल्पना को पूरा करना है।

मातृ दिवस के अवसर पर मात्र शक्तियों को बधाई देते हुए कहा कि इस धरती पर मां से बढ़कर कोई नहीं, उनका ऋण कभी नहीं चुकाया जा सकता। परमात्मा की महिमा में भी सबसे पहले मां का संबंध ही जोड़ते हैं ।

शक्ति निकेतन की संचालिका ब्रह्माकुमारी करुणा दीदी ने कहा कि दुनिया में बहुत बड़े-बड़े बंगले ,भवन, फाइव स्टार, सेवन स्टार होटल बनते हैं लेकिन यह ज्ञान शिखर भवन वह स्थान है जहां के कण-कण में आध्यात्मिकता के प्रकंपन फैले हुए हैं। यहां आकर अनेकानेक आत्माएं परमात्मा पिता की अनुभूति कर अनेक जन्मों के लिए अपना जीवन श्रेष्ठ जीवन बनती है।

परमात्मा पिता ने ज्ञान का कलश मातृशक्ति के ऊपर रखा है, इसलिए नारी शक्ति का प्रतीक शिवशक्ति ब्रह्माकुमारी बहनों का सम्मान किया गया ।

कालानी नगर सेवाकेंद्र की कुमारी शिवांशी और कुमारी यशवी ने नृत्य प्रस्तुत किया, ब्रह्माकुमारी आकांक्षा बहन ने सुन्दर गीत की प्रस्तुति दी तथा शक्ति निकेतन की कुमारियों के द्वारा मनमोहक नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी गई।

कार्यक्रम में कालानी नगर की संचालिका ब्रह्माकुमारी जयंती दीदी ,प्रेम नगर क्षेत्र की संचालिका शशि दीदी, सुभाष नगर क्षेत्र की संचालिका ममता दीदी ,रामबाग सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी छाया बहन, साकेत नगर सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी अंबिका बहन, छावनी सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी कुसुम बहन ने भी अपनी शुभ कामनाएं दी।

इस अवसर पर सभी वर्गों के लगभग 1000 भाई बहनें उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने किया।

कार्यक्रम में देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात भारत मां के वीर सपूत सैनिकों की सुरक्षा एवं उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए योग के प्रकंपन फैलाए।

 

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